भर्तृहरी संहिता में संस्कृत का एक श्लोक है, जो कि एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार पर बिल्कुल सही उतरता है।
इस श्लोक का हिंदी अर्थ यह है-
अगर हम चाहें तो मगरमच्छ के दांतों में फसे मोती को भी निकाल सकते हैं, साहस के बल पर हम बड़ी-बड़ी लहरों वाले समुद्र को भी पार कर सकते हैं, यहाँ तक कि हम गुस्सैल सर्प को भी फूलों की माला की तरह अपने गले में पहन सकते हैं। लेकिन एक मूर्ख को सही बात समझाना असम्भव है।
Salman Rushdie Targets Hindu Nationalism, Internet Reminds Him of His Own Violent Attack
Known author and Booker Prize winner Salman Rushdie recently spoke about free speech and what he described as growing...




























