मेरे बाग़ में वो नीम का पेड़
मेरे बाग़ में वो नीम का पेड़ अब मुझे कुछ मीठा सा लगता है मैंने पुछा उस से, कौतुहलवश, मैं था जब बचपन में रोज़ शाम तेरी पत्तियां तोड़, मैं ...
मेरे बाग़ में वो नीम का पेड़ अब मुझे कुछ मीठा सा लगता है मैंने पुछा उस से, कौतुहलवश, मैं था जब बचपन में रोज़ शाम तेरी पत्तियां तोड़, मैं ...
The first thing l do in the morning after reaching office is to open the TOI/Thehindu/Rediff websites and read news. This ordeal has been continuing for last 2 years or so. ...
मैं रावण 1 राम राम सब रटते रहते यहाँ राम कौन बन पाया है देखो अपने भीतर झांक के रावण की ही छाया है विश्रवा पुत्र मैं पौलस्त्य रावण करता ...
ज़ालिम ज़माने की मार से तंग आकर दिनोंदिन बढती महंगाई से घबरा कर हमने आत्महत्या की सोची फिर सोचा - ज़िन्दगी भूख में कटी है, अब भूखे क्यों मरें जब मरना ...
Hello Sir,How are you? I hope you are doing well. How is Kajol and what about your children? God bless them all. Just felt like writing you a letter. I understand ...
Those days I was getting exceedingly frustrated. I was not starving, had branded clothes in my wardrobe, girls liked me somehow and my bosses didn’t scold me. Anyone in my place ...
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