जब मैं छोटा था मेरी माँ मुझे हमेशा एक ही बात सिखलाती थी कि बेटा जो भी बोलो सोच-समझकर बोलो, हद से ज्यादा मत बोलो, कहीं ऐसा ना हो की कभी तुम्हे अपनी बातों के कारण शर्मिंदा होना पड़े।
ये बात आज हमारे पड़ोसी और दुश्मन मुल्क पाकिस्तान के नेताओं पर बेखूबी लागु होती है। कोई भी सच्चा भारतीय अभी हाल ही में हुए उडी हमलों को नहीं भुला सकता, सीमापार से भेजे गए आतंकवादियों ने आर्मी मुख्यालय पे कायरतापूर्ण हमला करके हमारे 18 सैनिकों के प्राण ले लिए, उन्हें शहीद कर दिया।
निःसन्देह यह हमला पाकिस्तान की धूर्त सरकार और कायर फ़ौज द्वारा प्रायोजित था, देश में शोक का माहौल व्याप्त था और जनता द्वारा पाकिस्तान पे कड़ी करवाई की मांग उठने लगी, केंद्र की मोदी सरकार भी इस हमले से सकते में आ गयी और स्वयं प्रधानमंत्री ने देश को यह आश्वासन दिया की सरकार चुप नहीं बैठेगी और शहीदों की मौत का बदला लेकर रहेगी।
प्रधानमंत्री अपने सारे कार्यक्रम स्थगित कर के इस बात पे विचार-विमर्श करने लगे की पाकिस्तान को जवाब देने का सबसे सही तरीका क्या हो सकता है, इधर देश में अधीरता बढ़ गयी थी, विपक्ष इसे सरकार की विफलता घोषित कर चुका था और कल तक देश-विरोधी कुकर्मो में लिप्त लोग अचनाक से देश-प्रेम की बातें करने लगे थे।
हमारे पड़ोसी और आतंकवाद के सबसे बड़े गढ़ पाकिस्तान के नेताओं को लगा की हर बार की तरह इस बार भी भारत कड़ी निंदा करके, यूएन के समक्ष अपना विरोध जाता कर, थोड़ी हाय-तौबा मचा कर चुप्पी साध लेगा।
हमारी चुप्पी को हमारी कमजोरी मान बैठे वो लोग, सबसे पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री नवाज शरीफ(जोकि विश्व के सबसे भ्रष्ठ नेताओं में से एक हैं) ने बयान दिया की भारत हर घटना का इल्जाम पाकिस्तान पे लगा देता है, उसके बाद तो पाकिस्तानी नेताओं का भारत का मख़ौल उड़ाते हुए तरह-तरह के बयान देने का सिलसिला चल निकला।
नवाज शरीफ इतना बोलने के बाद भी चुप नहीं बैठे और यूएन जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंच पे भारत के खिलाफ जहर उगलने से नहीं चूके, उन्होंने बुरहान वानी जैसे आतंकवादी को लीडर बता डाला, अपने न्यूक्लियर पावर होने का जुमला तो वे बार-बार उछाल ही देते थे।
इतना होने पे भी बयानों का सिलसिला नहीं थमा और पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने बेहद ही गैरजिम्मेदाराना बयान दिया की वे न्यूक्लियर मिसाइलों से भारत का नामो-निशान मिटा देंगे, रक्षा मंत्री के स्तर पे ऐसा बयान आना बहुत ही शर्मनाक बात थी और ये सरासर न्यूक्लियर डॉक्ट्रिन का उलघंन था।
पाकिस्तानियों के मन में लड्डू फुट रहे थे की उनका पलड़ा भारी है भारत सरकार करवाई से घबरा रही है लेकिन ऐसा लगता है कि मोदी सरकार उन्हें खुश होने का मौका दे रही थी। दिल्ली में लगातार बैठकों का दौर चल रहा था और क्या करना है इस पर चर्चा हो रही थी।
कल रात जब हममे से कुछ फेसबुक और ट्विटर पर पाकिस्तान पे हमले की रणनीति पे गंभीर चर्चा करने के बाद नींद के आगोश में चले गए थे, उसी वक्त, भारतीय सेना की स्पेशल बटालियन के जवान लाइन ऑफ़ कण्ट्रोल पार करके पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में घुसे और लगभग पांच आतंकी ठिकानो पे धावा बोल दिया, जब पाकिस्तानी सेना ने अपने दोस्तों को बचाने की कोशिश की तो उन्हें भी जोरदार जवाब मिला।
सेना की इस करवाई में कई आतंकी और पाकिस्तानी सैनिक मारे गए और कई कैंप तबाह कर दिए गए। हमारे जवानों ने इस साहसिक कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम देकर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध की और पाकिस्तान की बोलती बंद कर दी।
आज जैसे ही भारत सरकार के तरफ से इस कार्यवाही की आधिकारिक घोषणा हुई पाकिस्तान की हालत काटो तो खून नहीं जैसी हो गयी। कल तक जो अपनी ताकत पे बड़ा उछल रहे थे भारतीय सेना ने उन्हें उठाकर जमीन पर पटक दिया।
पाकिस्तानी नेताओं की सिट्टी-पिट्टी गुम हो गयी, उन्होंने सपने में भी सोचा होगा की भारत इस तरह से पलटवार करेगा, उनकी हालत पतली हो गयी। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री, जो कल तक गरज रहे थे उन्होंने आज बहुत ही शांत भाव से इस पलटवार की बात कबूल ली। ये महज़ सर्जिकल स्ट्राइक नहीं, आने वाले कल की हुंकार थी।
प्रधानमंत्री नवाज, जो बिलकुल भी ‘शरीफ’ नहीं हैं, अचानक से अमन और शांति की बातें करने लगे। वहां की आर्मी इसे मानने को तैयार नहीं है।
हमे उनके इस रवैये पे आश्चर्य नहीं होना चाहिए, पाकिस्तान अगर इस स्ट्राइक की बात को कबूल लेता है तो दुनिया के सामने के साबित हो जायेगा की आतंकवादियों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी पाकिस्तान ने ही उठा रखी है, हो सकता है कि पाकिस्तान को अंतर्राष्ट्रीय पाबंदियों का भी सामना करना पड़े और वहां की सरकार ऐसा कदापि नहीं चाहेगी।
इसलिए पाकिस्तान अब अगर रोना भी चाहे फिर भी मुस्कुराएगा और हाँ अब सोच-समझ के बोलेगा, सोच-समझ के काम करेगा। हालांकि हमे यह नहीं समझना चाहिये की अब वह शांत हो जायेगा मगर हमे ये विश्वास होना चाहिए की वो कितना भी उछलेगा हमारी सेना उसे पटखनी देकर ही मानेगी। आज हरेक देशवासी गर्व महसूस कर रहा होगा अपनी सरकार पर अपनी सेना पर और उसका यही विश्वास पाकिस्तान की कब्र खोदने के लिए काफी है।
जय हिंद।