भर्तृहरी संहिता में संस्कृत का एक श्लोक है, जो कि एनडीटीवी के पत्रकार रवीश कुमार पर बिल्कुल सही उतरता है।
इस श्लोक का हिंदी अर्थ यह है-
अगर हम चाहें तो मगरमच्छ के दांतों में फसे मोती को भी निकाल सकते हैं, साहस के बल पर हम बड़ी-बड़ी लहरों वाले समुद्र को भी पार कर सकते हैं, यहाँ तक कि हम गुस्सैल सर्प को भी फूलों की माला की तरह अपने गले में पहन सकते हैं। लेकिन एक मूर्ख को सही बात समझाना असम्भव है।
Agriculture Colonisation of India : Corporate Seeds Control
Multinational corporations are aggressively capturing India’s seed systems, turning farmers into dependent consumers and destroying centuries-old traditions. This assault...