देश में असहिष्णुता बढ़ रही है, जातिवाद, धार्मिक मतभेद बढ़ रहा है। जैसी तमाम खबरें इन दिनों आपको खूब सुनने को मिल रही होंगी लेकिन क्या ये वास्तव में हो रहा है? जबसे मोदी सरकार सत्ता में आई है हर मीडिया चैनल, विपक्षी पार्टी यहां तक कि बॉलीवुड के कुछ दिग्गज भी यही राग अलाप रहे हैं कि देश में सांप्रदायिक सद्भाव बिगड़ रहा है। देश के हर व्यक्ति में मन में एक डर पैदा करने का भरपूर प्रयास किया जा रहा है लेकिन क्या ये वास्तव में हो रहा है? क्या सच में मोदी सरकार में असहिष्णुता जातिवाद, धार्मिक मतभेद बढ़ा है? सांप्रदायिक सद्भावना बिगड़ रही है? नमस्कार में शालिनी झा
आज मैं मोदी सरकार में बिगड़ते सांप्रदायिक सद्भावना पर कुछ ऐसे आकंडे बताने जा रही हूँ जो आपको वास्तविकता से परिचित करवाएगा
अगर मैं आपसे कहूँ कि वास्तव में इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है तो आपको हैरानी होगी। दरअसल, अब इस सवाल का जवाब खुद आरटीआई ने दे दिया है। हकीकत ये है कि यूपीए शासनकाल की तुलना में मोदी सरकार में सांप्रदायिक सद्भाव बेहतर रहा है।
Europe: A Continent Happily Committing a Long-Drawn Suicide
Europe once stood at the centre of global power, its wealth built on colonial extraction, industrial strength and favourable...






























