स्वसद्यकार्ये व्यहारकर्मण्ये व्यये मामापि मन्त्रयेथा
वामांगमायामि तदा त्वदीयं ब्रूते वच: पंचमत्र कन्या!!
(इस वचन में कन्या कहती कि अपने घर के कार्यों में, लेन-देन अथवा अन्य किसी हेतु खर्च करते समय यदि आप मेरी भी मंत्रणा लिया करें तो मैं आपके वामांग में आना स्वीकार करती हूं।)
ये उन सात वचनों में से एक वचन है जो वधु वर से विवाह के दौरान लेती है
अब कितने लोग इन वचनो का शुद्ध अन्तः करण से निर्वहन करते हैं ये तो शायद शोध का विषय परन्तु एक महिला है जो काफी जी जान इस वचन का पालन करती हैं, और वो हैं कांग्रेस की राजनंदिनी श्रीमती प्रियंका गाँधी वाड्रा। जी हाँ प्रियंका वाड्रा जी ‘द गुड वाइफ’ के चरित्र में बिलकुल सटीक बैठती हैं.
पर इस पहलू पर बाद में ध्यान देंगे अभी बात करते हैं फ्रेश डेवलपमेंट्स की