सिर्फ कट्टरपंथियों का शहर नहीं हैदराबाद

हैदराबाद

यह लेख खासकर मैं उन लोगो के लिए लिख रहा हूं जिन्होंने आज तक इस शहर की हवा और नब्ज को कभी महसूस नहीं किया है या फिर उनकी मानसिकता में यह शहर एक “मुस्लिम कट्टरपंथियों” का शहर मात्र है|

जी हां, मैं बात कर रहा हूँ दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य में स्थित अति महत्वपूर्ण मोतियों के शहर की जिसे हम सभी हैदराबाद के नाम से भी जानते हैं| सूचना एवं प्राद्यौगिकी के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाला यह शहर अपनी विविधताओं के लिए प्रसिद्ध है| अपनी व्यक्तिगत रूप से महसूस की गयी कुछ विशेषताएं मैं आप सभी के समक्ष इस लेख के माध्यम से रखना चाहता हूँ और आशा करता हूँ कि इस लेख को पढ़कर आप कतई निराश नहीं होंगे और सामरिक समरसता के प्रतीक इस शहर को आप जरूर घूमना चाहेंगे|

धर्म निरपेक्ष :-

इस शहर के बारे में राजनीति से प्रेरित बहुत सारे समाचार आपको देश के मीडिया चैनल्स पर मिल जायेंगे| परन्तु वास्तविकता मैं यह शहर अत्यंत ही सामरिक और धार्मिक सद्भाव से परिपूर्ण है|

हैदराबाद अनेक विभिन्न संस्कृतियों व परंपराओं का मिलन-स्थल है। हैदराबादियों ने अपनी खुद की एक भिन्न संस्कृति विकसित कर ली है, जिसमें प्राचीन तेलुगु लोगों की हिन्दू परंपराओं तथा सदियों पुरानी इस्लामी परंपराओं का मिश्रण है।

इस शहर में सालों से रहते हुए मैंने कभी भी ऐसी घटना नहीं सुनी जिसकी कोई धार्मिक वजह रही हो| यह शहर बथुकम्मा और ईद दोनों त्यौहारों के लिए सामान रूप से दुल्हन की तरह सजाया जाता है|

यहाँ पर एक और समुदाय के बारे में बताना चाहूँगा जो कि यहाँ के मूल निवासी नहीं है और बहुत ही कम जनसँख्या में है, वो है बंगाली समुदाय| जो कि प्रतिवर्ष हैदराबाद में अपनी संस्कृति को जीवित रखते हुए दुर्गा पूजा का भव्य आयोजन करते हैं|

स्वच्छता के क्षेत्र में अग्रणी :-

यह शहर आपको स्वच्छता के क्षेत्र में किसी से पीछे नहीं है| आप यहाँ की स्थानीय रेलवे “एमएमटीएस” को परखिये या यहाँ मध्य रात्रि में सड़के साफ़ करते ट्रकों को, दोनों का स्वच्छता विभाग चुस्त-दुरुस्त हालत में मिलेगा| सबसे अच्छी बात यह है कि यहाँ के लोग स्वच्छता से जुड़े मामलों को अत्यंत ही गंभीरता से लेते हैं और उन्होंने इस क्षेत्र में अपने योगदान को जारी रखा हुआ है|

सूचना प्रौद्यौगिकी एवं शिक्षा के क्षेत्र में दो कदम आगे :-

सूचना प्रौद्यौगिकी के क्षेत्र में एक विशिष्ट नाम रखने वाला हैदराबाद शहर “आईटी हब” के रूप में भी जाना जाता है| बहुराष्ट्रीय कंपनियों को मंत्रमुग्ध कर देने वाले इस वैश्विक शहर की प्रसिद्धि की अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि प्राद्यौगिकी से जुड़े लोग इसे “साईबराबाद (Cyberabad)” भी बुलाते है|

शिक्षा के क्षेत्र में अगर हैदराबाद से इस विश्वविद्यालय का नाम ना जोड़ा जाए तो शायद कुछ कमी सी महसूस होगी| वह नाम है देश का बहुप्रतिष्ठित “हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय”| हैदराबाद का स्विट्ज़रलैंड कहा जाने वाला यह परिसर लगभग 2300 एकड़ में फैले अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है| गर्मी एवं ठण्ड दोनों में ही अन्य क्षेत्रों के मुकाबले यह परिसर क्षेत्र आपको नियमित रूप से शीतलता प्रदान करता रहेगा| विश्व में शोध कार्य के क्षेत्र में अपनी विशेष पहचान रखने वाला यह विश्वविद्यालय प्राकृतिक श्रोतों एवं वातावरण का भी एक बेहतरीन नमूना है| विश्वास मानिए यह परिसर इतना बड़ा है कि यहाँ आकर आप जंगल सफारी, झीलें, सीधी खड़ी चट्टानों और जंगली जानवरों जैसे हिरन, खरगोश आदि तक का लुत्फ़ उठा सकते हैं| आईआईटी हैदराबाद, उस्मानिया विश्वविद्यालय, बीआर अम्बेडकर मुक्त विश्वविद्यालय, जवाहर लाल नेहरु प्राद्यौगिकी विश्विद्यालय, मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय आदि शिक्षा के अन्य प्रमुख केंद्र हैं|

इसके अलावा यहाँ के परिवार, शिक्षा के प्रति बेहद जागरूक हैं जिसकी वजह से अधिकतम घरों के बच्चे उच्चतम शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं| माता-पिता पर आश्रित ना रहकर यहाँ के ज्यादातर लड़के एवं लड़कियां नौकरी कर अपने खर्चे स्वयं उठाते हैं|

राजभाषा हिंदी के ओर बढ़ते कदम :-

अगर आप “हिन्दीभाषी” है तो दक्षिण भारत के इस शहर में आपको ज्यादा परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा| वैसे तो सभी समाजों के लोगों को हिंदी का ज्ञान है परन्तु मेरी नजर में हैदराबाद में अधिकतम हिंदी भाषी यहाँ का मुस्लिम समाज है जिससे ज्यादातर जगहों पर आपको इस समाज द्वारा मंत्रमुग्ध कर देने वाली “हैदराबादी हिंदी” का आनंद मिल ही जाएगा| हैदराबादी हिंदी के अपने अलग ही उच्चारण हैं जिन्हें सुनने के बाद आप अपनी मंद मंद मुस्कान को रोक नहीं पायेंगे|

वैसे तो अधिकतम लोग यहाँ बहुभाषी हैं जो कि तेलुगु एवं अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान रखते हैं| परन्तु मुझे सबसे ज्यादा आश्चर्यचकित करने वाली बात यह लगी कि वर्तमान समय में यहाँ के अधिकतम तेलुगु भाषी लोग अपने बच्चों को अन्य विषयों के अतिरिक्त उच्च कोटि की हिंदी सिखाने का प्रयास कर रहे हैं जिसके लिए वे अपने बच्चों के लिए ट्यूशन तक से परहेज नहीं कर रहें हैं| यह हिंदी के प्रचार-प्रसार की एक अलग ही सकारात्मक दिशा और पहल है जिससे जल्द ही पूरा दक्षिण भारत अछूता नहीं रहेगा|

स्वादिष्ट व्यंजन :-

“हैदराबाद आये और बिरयानी नहीं खाए तो फिर क्या खाए”| मसालेदार व्यंजनों के लिए प्रसिद्ध यह शहर आपको एक अलग ही प्रकार के स्वाद का अहसास देगा| बिरयानी, डोसा, हलीम, शोरबा आदि यहाँ बेहद प्रसिद्ध हैं| बहुराष्ट्रीय कंपनियों के परिसर स्थापित होने कारण रात्रि में भी खाना आपको यहाँ पर आसानी से उपलब्ध हो जाएगा|

वातावरण :-

इस शहर के मौसम का तो मैं दीवाना हूँ| उत्तर भारत के विपरीत यहाँ पर कम गर्मी और कम ठंडक ही रहती है| समुद्र से निकट होने के कारण मानसून यहाँ पर थोडा जल्दी आ जाता है जिसकी वजह से यहाँ अच्छी मात्रा में बारिश का आप आनंद उठा सकते है|

रातों में जगमगाता शहर :-

अगर आप रात्रिचर हैं मतलब रात में सैर-सपाटा करते रहते है तो 24*7 चलने वाला यह महानगर आपके लिए बिलकुल सही जगह है और सुरक्षा के लिहाज से भी सुरक्षित है|

अगर आप इतिहास में रूचि रखते हैं तो ऐतिहासिक धरोहरों से पटा पड़ा यह शहर आपके लिए एक नयी खोज सिद्ध हो सकता है| साथ ही साथ गगनचुम्बी पठार, झीलें और प्राकृतिक हरियाली आपका मन मोह लेंगी|

अपने आप में मिसाल यह शहर आपको बहुत सीखने को देगा वो भी तब, जबकि आप धर्म के चश्मे को हटाकर इस शहर की शालीनता को परखने की कोशिश करेंगे| यहाँ का प्राकृतिक सौदर्य आपके मष्तिष्क को गहरायी देगा, यहाँ की ऐतिहासिक धरोहरें आपके जीवन की नयी खोजों की व्याकुलता को बढ़ाएगी, यहाँ के धार्मिक स्थल आपको उत्कृष्ट कला और स्थापत्य का बेजोड़ नमूना पेश करेंगे और यहाँ के राष्ट्रीय स्तर के शिक्षण संस्थान आपको उच्च स्तर की शिक्षा देने का प्रयास करेंगे|

आशा है कि इस लेख को पढ़कर लोगों की मानसिकता में कुछ सकारात्मक परिवर्तन आएगा और विशेषकर उन माता-पिताओं की, जिनके बच्चों को यहाँ के शिक्षण संस्थानों की राष्ट्रीय स्तर की प्रवेश परीक्षा में सफल हो जाने के बाद भी, उन्हें “दूरी या कट्टरपंथ” का बहाना बनाकर यहाँ भेजने की मनाही कर दी जाती है|

मेरे लिए इस शहर के लिए एक वाक्य है – “यह सिर्फ शहर मात्र नहीं है, यह अपने आप में उस्ताद है”|

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