कल की रोमांचक रात
रात 11 बजे जैसे ही सोने लगा तभी टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ आई कि प्रशांत भूषण व अन्य वकील जज साहब के घर के बाहर खड़े है..मांग थी कि उनकी दलील फिर से एक बार सुनी जाए । डर तो मुझे इस बात का था की इतनी सुनवाई के बाद कोर्ट बहरा न हो जाए ।
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खैर…शुरुवाती 3 घंटे तक तो जज साब घर से बाहर ही नहीं आये । मुझे डर था कि कही याकूब मेमन को छोड़ कर वो इन वकीलों को ही फांसी पर ना लटका दे..नींद में खलल डालने का इलज़ाम लगाकर । फिर रात 2 बजे ब्रेकिंग न्यूज़ आई कि अदालत लगेगी और सुनवाई होगी । बताइये ये तो हद ही हो गयी..सुप्रीम कोर्ट ना हुआ पान की दूकान हो गयी जिसे आप रात को 2 बजे खुलवा कर 4 गोल्ड फ्ल्रेक और एक रजनीगन्धा ले लो और चलते बनो..या फिर कोर्ट ना हुआ गाँव का ठेका हो गया कि जब तलब लगी तब खुलवा लिया । वैसे याकूब मेमन की दाद देनी पड़ेगी कि जहां अपने जैसे लौंडो के लिए रात के 2 बजे कोई घर का दरवाज़ा ना खोलता हैं उन्होंने सुप्रीम कोर्ट खुलवा डाला । अच्छा है जज कोई इंजीनियर नहीं था वरना रात 2 बजे कोर्ट खोलने की बजाये ठेका खुलवाता और सब को पिलाता और पीछे से पुलिसवाले याकूब को लटका देते ।
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अब 3:20 बज चुके थे । प्रशांत भूषण दलील दे रहे थे…उनकी दलीले सुनकर साफ़ पता चल रहा था कि उनके सर से बाल ही नहीं अक्ल भी झड़ चुकी हैं । वो कह रहे थे हमें 14 दिन का समय और दीजिए….चचा अगर 14 दिन में ही सारे सबूत बांच लोगे तो पिछले 22 सालो से इस केस के दौरान क्या कोर्ट में भारतनाट्यम हो रहा था । एक डर ये भी था कि अगर फांसी पर 14 दिन की रोक लगी तो ये मीडिया वाले याकूब को नए युग का क्रांतिकारी घोषित कर देगा । फिर 4 बजे टीवी पर खबर आई कि याकूब सो के उठ चूका हैं…लो भैंचो…जिसके लिए इतना भसड़ हो रहा, आधा हिन्दुस्तान जाग रहा वो बोस.डी.के. खुद मस्त बियर पी के सोया पड़ा था । याकूब मेमन (me”mon”)…अब जिसके नाम में ही Mon (मंडे) आता हो उससे भला कोई हमदर्दी कैसे रख सकता है ?
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अब तक आतंकवादी की सज़ा एक सास बहु वाले सीरियल में तब्दील हो गयी थी । मैं सोच ही रहा था कि फैसला जल्दी आए कहीं आलिया भट्ट ने पूछ लिया कि याकूब मेमन कौन हैं तो याकूब खुद ही आत्महत्या कर बैठेगा । 4:30 बज गए फैसला ना आया…सोच रहा था ये बागड़बिल्ले चर्चा ही ना करते रह जाए और उधर पीछे से नागपुर के पुलिसवाले मियाँ याकूब मेमन का गेम बजा डाले । खैर पौने पांच बजे फैसला आया कि फांसी होगी…और साढ़े 6 बजे जैसे ही फांसी हुई बरखा दत्त व सगारिका घोष फेफड़े फाड़ कर रो पड़ी लेकिन पूरा देश व मुंबई वाले मुस्कुरा उठे । देर से ही सही न्याय हुआ । और इसके बाद अपन भी अपने काम में लग गए । बोले तो इंडिया-पाकिस्तान जैसा रोमांचक मैच हुआ कल रात जिसमे फिर से जीत अपनी ही हुई ;-)
– आनंद अग्रवाल
Kyunki Babu Bajrangi jaise logon ko to din-dahade bail mil rahi hai aur woh bhi 6 baar. 21 saal toh unke liye bohot door ki baat hai.
Waise aapki likhai kaafi jhand hai!
https://www.facebook.com/AchheDinMemes/photos/a.1444152835855417.1073741828.1427701830833851/1616105271993505/?type=1
so u mean to say 1 wrong can justify others.. n leave all the facts aside..Godhra and after riots were done against a community but this yakoob and his brigade worked for tearing apart india into pieces!! no other crime can be bigger than this and Mr. pseudo intellectual secular sick (piss) , why there is so much sympathy for 1 yakub?
I’m debating the night court opening, not any person. And kindly read your comment again, you are justifying one wrong with other. Memons or Bajrangi, both killed humanity, both in rage of revenge for their community. But their treatment is way apart.
And till date none of the TFI staff wrote about why Gujarat Govt. is so keen on granting bail again and again to Kodnani and Bajragi. In Fact govt. is personally fighting against their death penalty. Why?
Fed Up of reading/listening Kodnani, Bajrangi,Kodnani, Bajrangi for last few days, What Kodnani, Bajrangi have (had) to do with Yakub case. Their matter is prejudice and law will take it’s own course (if one has some faith in Indian Law).
Pitti of them who were expecting Kodnani, Bajrangi to be hanged besides Yakoob notwithstanding their status of their case so far.
The best part of our social society is that when a finger is pointed at a terrorist , every action wrong or right is counted to justify his killing and try to make him a victim,,, when our soldiers die no one is worried nor a tear is shed…A nation and its people who can in anway defend a criminal or terrorist in name of religion or past acts is bound to be ruled by ISIS type organisations..
That time you wont get a chance to save your live..
wake up and remove such mindless support for terror , please a humble request